Wednesday 1 April 2015

जन धन, आधार, मोबाइल और डिजिटल सशक्तीकरण

जन धन, आधार, मोबाइल और डिजिटल सशक्तीकरण 
उमाशंकर मिश्र, सुबोध कुमार
पारदर्शिता, प्रभावोत्पादकता और पारस्परिकता (संवाद की दृष्टि से) इन तीन अभिनव गुणों की वजह सूचना प्रौद्योगिकी आज जनजीवन के सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में उभर रही है और इसी वजह से वर्तमान सरकार भी शासन-प्रशासन को पूरी तरह से डिजिटल आधार देने के लिए जोर दे रही है। सरकार की यह मंशा बजट आवंटन से लेकर प्रशासनिक कार्यों की स्थापना तक स्पष्ट दिखती है और मौजूदा बजट में की गई घोषणाएं डिजिटल भारत के लिए वास्तविक आधारशिला रखने वाली मालूम पड़ती हैं। ज़रा सोचिए उस भविष्य के बारे में जब सभी महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थान वाई-फाई से जुड़े होंगे, ब्राॅडबैंड-हाइवे की पहुंच हर गांव तक होगी और देश के सभी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से ई-सक्षम बनाया जाएगा। यही नहीं, विभिन्न नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ई-शासन योजना का विस्तार करके केंद्र से लेकर पंचायतों तक सभी सरकारी कार्यालयों को इसके तहत लाया जाएगा। यह सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम की महज एक झलक भर है। सरकार अगले पांच साल में भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का ऐलान कर चुकी है। इसी को ध्यान में रखकर ‘डिजिटल इंडिया’ नामक अभियान की शुरुआत की गई है। ‘डिजिटल इंडिया’ भारत सरकार की एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल लिहाज से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है। इस मुहिम के जरिये ई-गवर्नेंस, सबकी इंटरनेट तक पहुंच, इंटरनेट से शिक्षा, चिकित्सा जैसी सेवाएं दूरदराज तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। डिजिटल इंडिया से यह सुनिश्चित होगा कि सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्राॅनिक रूप से उपलब्ध हों। इससे सरकारी व प्रशासनिक सेवाओं को आम लोगों तक पहुंचाने के साथ सार्वजनिक जवाबदेही को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।‘डिजिटल इंडिया’ एक व्यापक कार्यक्रम है, जो अनेक सरकारी मंत्रालयों और विभागों को कवर करता है। यह तरह-तरह के विचारों को एकल एवं व्यापक विजन को समाहित करता है, ताकि इनमें से हर विचार एक बड़े लक्ष्य का हिस्सा नजर आए। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का समन्वय डीईआईटीवाई द्वारा किया जाना है। जबकि, इस पर अमल समूची सरकार द्वारा किया जाना है। ‘डिजिटल इंडिया’ का विजन तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है। ये हैं- हर नागरिक के लिए उपयोगिता के तौर पर डिजिटल ढांचा, मांग पर संचालन एवं सेवाएं और नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण।

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